यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का कल तीसरा दिन था। सुबह 6 बजे से ही केंद्रों के बाहर छात्रों की लंबी कतार नजर आने लगी। कोई अपने अभिभावक के साथ तो कहीं छात्र खुद परीक्षा देने पहुंचा। नकलविहीन परीक्षा के तहत कहीं छात्रों से जूते और चप्पलें भी उतरवा ली गई। वहीं पर छात्र कई जगह अंधेरे में पेपर देते दिखाई दिए। इसी हलचल के बीच डिप्टी सीएम ने परीक्षा केंद्रों का मुआयना भी किया। बता दें, वैसे तो परीक्षाएं सात फरवरी से शुरू हैं। वहीं, प्रमुख विषयों की परीक्षा कल (मंगलवार) से शुरू हो गई हैं। हाईस्कूल, इंटर के छात्रों का हिंदी व वाणिज्य का पेपर था।
नकलचियों पर सीसी कैमरे की नजर, तो कहीं जूते के साथ उतरवाई चप्पलें भी
सख्त व्यवस्था के चलते परीक्षा के तहत मोहनलालगंज के सिसेंदी में स्थित हीरालाल यादव इंटर कॉलेज में छात्रों से जूते के साथ-साथ उनकी चप्पलें भी उतरवाई गई l वही दूसरी तरफ, सीसी कैमरे के जरिए परीक्षा केंद्रों की निगरानी की गई। वहीं, जनता इंटर कॉलेज में छात्र अंधेरे में परीक्षा देने पर मजबूर हैं। परीक्षा कक्ष में एक बल्ब की रोशिनी तक नहीं दिखाई दी।
परीक्षा का समय प्रथम पाली:
- सुबह 8 am से 11:15 am
- द्वितीय पाली : दोपहर 2 pm से 5:15 pm
- कंट्रोल रूम नंबर : 0522-2254479
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डिप्टी सीएम ने लिया जायजा
वही, परीक्षा को नकलविहीन कराने की कवायद के चलते डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने नादान महल रोड स्थित अमीनाबाद इंटर कॉलेज और एमडी शुक्ला इंटर कॉलेज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सीसीटीवी कंट्रोल रूम से लेकर कक्षों के अंदर जाकर छात्रों से बात की। बता दें, परीक्षा को नकलविहीन कराने की कवायद के चक्कर में डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बोर्ड परीक्षा के पहले दिन ही निगरानी की कमान अपने हाथ में ले ली थी। उन्होंने शहर के कई परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया था।
डिप्टी सीएम ने छात्रों से की बात
वही, डॉ दिनेश शर्मा ने एक छात्र से पूछा- पेपर कैसा है ? छात्र ने कहा- सर, अच्छा दूसरे छात्र से पूछा- नकल करना सही है ? छात्र ने कहा- नहीं सर, गलत बात है।
बोर्ड कर्तव्य में बाधा पहुंचाने पर खत्म होगी मान्यता
उधर, वित्तविहीन कॉलेजों के कई शिक्षकों को प्रबंधन कर्तव्य से मुक्त नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वह यूपी बोर्ड परीक्षा में कक्ष निरीक्षक की ज्वाइनिंग के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। डीआइओएस ने ऐसे विद्यालयों की मान्यता वापस लेने का अल्टीमेटम दिया। दरअसल, यूपी बोर्ड परीक्षा में 4,058 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें 525 शिक्षक राजकीय, सहायता प्राप्त कॉलेज 1957, वित्तविहीन के 1228 शिक्षक हैं। इसमें निजी विद्यालयों के प्रबंधक-प्रधानाचार्य शिक्षकों को यूपी बोर्ड ड्यूटी में भेजने से आनाकानी कर रहे हैं। वह विद्यालय में अन्य कक्षाओं के बाधित होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार ने बोर्ड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को जल्द कार्य मुक्त किए जाने के निर्देश दिए। वहीं लापरवाही करने पर मान्यता समाप्त करने का अल्टीमेटम दिया।
एक दिन पहले जेडी का कंट्रोल रूम रहा बंद
यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर शिक्षा भवन में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। इनमें शिक्षकों की तैनाती भी की गई है। सोमवार (11 फरवरी) को डीआइओएस कार्यालय का कंट्रोल रूम खुला रहा, जबकि जेडी कार्यालय का बंद रहा।
पहली परीक्षा में बारिश ने किया था परेशान
बता दें, बोर्ड परीक्षा के पहले दिन यानी सात फरवरी को छात्रों को दोहरी परीक्षा से गुजरना पड़ा। उन्हें पेपर से पहले बारिश की मार झेलनी पड़ी। विद्यार्थी भीगते हुए सेंटर पहुंचे। ऐसे में ठिठुर रहे छात्रों के लिखते वक्त हाथ भी कंपकपा गए। बेमौसम बारिश कई छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ गई।
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