महाराष्ट्र बोर्ड में बारहवीं कक्षा की परीक्षा पहली बार कोई छात्र आई-पैड की मदद से दे रही है। महाराष्ट्र बोर्ड कक्षा बारहवीं की परीक्षा गुरुवार से शुरू हुई हैं। इस परीक्षा में 20 वर्ष की दिव्यांग छात्रा निश्का होसंगादी को एक लेखक और आई-पैड के साथ परीक्षा देने की अनुमति मिली है। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ने पहली बार 12वीं की परीक्षा के लिए किसी को इस प्रकार की सुविधा दी है।
निश्का को 8 साल की उम्र से ही बोलने में परेशानी होती थी। इसके अलावा उनका दायां हाथ भी काम नहीं करता है। निश्का एक भयंकर बीमारी डिस्टोनिया से पीड़ित हैं। दो साल का अकैडमिक वर्ष बर्बाद होने के बाद निश्का ने स्पेशल स्कूल में दाखिला लिया था। निश्का सोफिया कॉलेज में आर्ट्स की छात्रा हैं।
निश्का ने दसवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की थी
दो वर्ष पहले निश्का ने नैशनल स्कूल ऑफ ओपन स्कूल से आई-पैड की मदद से ही दसवीं कक्षा की परीक्षा भी दी थी। निश्का की माता रश्मि ने बताया, निश्का को बोलने में परेशानी होती है इसलिए वह लेखक को अपने जवाब बोलकर नहीं बता सकती है। हमने बोर्ड के अधिकारियों से गुजारिश की कि उसे आई-पैड का इस्तेमाल करने दिया जाए जिससे वह बाएं हाथ से अपने जवाब दे सके। अधिकारियों से कई बार मिलने के बाद उन्होंने इसकी अनुमति दे दी और निश्का ने दसवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की।
कॉलेज ने भी किया
निश्का
का सपॉर्ट11वीं कक्षा में निश्का का ऐडमिशन सोफिया कॉलेज में हुआ। वहां भी ये सुविधाएं दी गईं। कॉलेज ने उसे परीक्षा के लिए आई-पैड का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। बोर्ड एग्जाम के लिए जब उन्हें इसके लिए महाराष्ट्र बोर्ड से इजाजत लेनी थी, तब भी कॉलेज ने उनकी मदद की।
कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल ऐनी पीटर ने कहा, 'निश्का बहुत होशियार छात्रा है और हम निश्का के
वह सब कुछ करना चाहते हैं जिससे निश्का को वो सब मिले जिसकी वो हकदार है।' निश्का ने अपने भविष्य के लिए फिलहाल कोई विचार नहीं किया है लेकिन उसके अविभावक सोफिया कॉलेज में ही उसकी आगे की पढ़ाई कराना चाहते हैं। वे कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों से मिले सपॉर्ट की वजह से ऐसा चाहते हैं।
Comments
Post a Comment